Friday 23 February 2018

Intezaar

1 नजरें उन्हें देखना चाहे तो आँखों का क्या कसूर,
हर पल याद उनकी आये तो साँसों का क्या कसूर,
वैसे तो सपने पूछकर नहीं आते,
पर सपने उनके ही आये तो हमारा क्या कसूर।

2 चला जा SMS गुलाब बन के,
होगी सच्ची दोस्ती तो आएगा जवाब,
अगर ना आये तो मत होना उदास,
बस समझ लेना की मेरे लिए वक़्त नहीं था उनके पास.

3 डरता हूँ कहने से मैं, कि मोहब्बत है तुमसे,
मेरी ज़िंदगी बदल देगा, तेरा इक़रार भी इंकार भी।

4 अपने खिलाफ बाते खामोशी से सुन लो,
यकीन मानो वक्त बेहतरीन जवाब देगा।

5 चलते-चलते मेरे कदम
हमेशा यही सोचते हैं,
कि किस ओर जाऊं तो तू मिल जाये।

6 तेरे इंतज़ार में कैसे कटता है वक़्त ना पूछ मुझसे,
तेरे बगैर तन्हा रहता हूँ कैसे ना पूछ मुझसे,
तू ही तू चाहिए दिल की गहराइयो में,
जीता हूँ तेरे बगैर कैसे ना पूछ मुझसे,
जो मिल जाएगी तू तो होगी कितनी ख़ुशी ना पूछ मुझसे।

7 याद आती है तो याद में खो लेते हैं,
आँसू आँखों में उतर आयें तो रो लेते हैं,
नींद तो नहीं आती आँखों में लेकिन,
आप सपनों में आयेंगे इस लिए सो लेते हैं।

8  हक़िक़त मे जिना जब आदत  बन जाती है,
 ख्वबोन की दुनिया बेरंग नजर  आती है .
 कोई इंतेजार करता है जिंदगी के लिए
 किसी की जिंदगी इंतेजार  मे ही गुझर जाती है  !!!

9 कभी ख़ुशी से ख़ुशी की तरफ़ नहीं देखा
तुम्हारे बाद किसी की तरफ़ नहीं देखा
ये सोच कर कि तेरा इंतज़ार लाजिम है
तमाम उम्र घड़ी की तरफ़ नहीं देखा

10 हक़ीक़त मे जीना जब आदत बन जाती है,
ख्वाबों की दुनिया बेरंग नज़र आती है ... 
कोई इंतेज़ार करता है ज़िंदगी के लिए..
किसी की ज़िंदगी इंतेज़ार मे ही गुज़र जाती है .......!!!

11 तुम क्या जानो क्या है तन्हाई,
टूटे हर पत्ते से पूछो क्या है जुदाई,
यूँ बेवफ़ाई का इल्ज़ाम ना दे ए-ज़ालिम,
इस वक़्त से पूछ किस वक़्त तेरी याद ना आई..!!!

12 ना जाने क्यों ए जिंदगी मुझे तेरी तलाश है.......
माना करोड़ पल है इस जिंदगी मैं,
पर तेरे साथ बीताया एक पल उन करोड़ों से खास है .........
इस लिए ए जिंदगी मुझे तेरी तलाश है........!!!

13 फ़ासले मिटा कर आपस मे प्यार रखना,
दोस्ती का ये रिश्ता हमेशा यूँही बरकरार रखना,
बिछड़ जाए कभी आप से हम,
आँखों मे हमेशा हमारा इंतजार रखना  !!!

14 उदास रहता है मोहल्ले मै बारिश का पानी आजकल,
सुना है कागज़ की नाव बनानेवाले बड़े हो गए है

15 ज़िंदगी हसीन है इससे प्यार करो हर रात की नई सुबा का इंतजार करो वो पल भी आएगा, जिसका आपको इंतजार है बस अपने रब पर भरोसा और वक़्त पर ऐतबार करना

16 तन्हैइिओं मे उनको ही याद करते हैं वो सलामत रहे यही फरियाद करते है, हम उनके ही मोहब्बत का इंतेज़ार करते है उनको क्या पता हम उनसे कितना प्यार करते है .

17 साँसों मे मेरे कुछ अजीब सी कशिश है आज जाना, शायद ये तुम्हारे साँसों को महसूस कर रहा है, आँखें मेरी तुम्हारी राहों पे आके थम गयी हैं, और ये दिल, तुम्हारे आने का इंतेज़ार कर रहा है.

18 बहुत हो चुका इंतेज़ार उनका, अब और ज़ख़्म सहे जाते नही, क्या बयान करें उनके सितम को, दर्द उनके कहे जाते नही

19 इंतज़ार है हमे आपके आने का, वो नज़रे मिला के नज़रे चुराने का, मत पूछ ए-सनम दिल का आलम क्या है, इंतज़ारा है बस तुझमे सिमट जाने का.

20 कब उनकी पलकों से इज़हार होगा; दिल के किसी कोने में हमारे लिए प्यार होगा; गुज़र रही है रात उनकी याद में; कभी तो उनको भी हमारा इंतज़ार होगा!

21 ज़माने भर से हो रंजिश, घटा कैसी ही छाई हो, मजा तो तब है तेरी जब, तुझी से ही लड़ाई हो/ सितारे गर्दिशो में हो, मुकद्दर हाशिये पर हो , रहे इम़ा तेरा सच्चा, की जब जब सर उठाई हो / हो जब ये हौसला तेरा, मुसलसल कारवां तेरा, हो शोले आंख में तेरे, मशालें जब जलाई हो / क़यामत से तू ले लोहा, खुदा भी देखता होगा, अजानो में मगर तेरे उसी की ही खुदाई हो/ नहीं मुमकिन तेरा दिलवर हमेशा साथ हो तेरे , असल जज्बा मुहब्बत का मुहब्बत में जुदाई हो/ ज़माने भर से हो रंजिश, घटा कैसी ही छाई हो, मजा तो तब है तेरी जब, तुझी से ही लड़ाई हो .

22 तेरे इंतजार मे कब से उदास बैठे है तेरे दीदार में आँखे बिछाये बैठे है तू एक नज़र हम को देख ले इस आस मे कब से बेकरार बैठे है .

23 मोहब्बत का नतीजा, दुनिया में हमने बुरा देखा, जिन्हे दावा था वफ़ा का, उन्हें भी हमने बेवफा देखा.

24 जिंदगी हे सफर का सील सिला, कोइ मिल गया कोइ बिछड़ गया, जिन्हे माँगा था दिन रत दुआ ओमे, वो बिना मांगे किसी और को मिल गया.

25 याद तेरी आती है क्यो.यू तड़पाती है क्यो? दूर हे जब जाना था.. फिर रूलाती है क्यो? दर्द हुआ है ऐसे, जले पे नमक जैसे. खुद को भी जानता नही, तुझे भूलाऊ कैसे?

26 निकलते है तेरे आशिया के आगे से,सोचते है की तेरा दीदार हो जायेगा, खिड़की से तेरी सूरत न सही तेरा साया तो नजर आएगा

27 तेरे इंतजार में यह नज़रें झुकी है, तेरा दीदार करने की चाह जागी है, ना जानू तेरा नाम, ना तेरा पता ना जाने क्यूँ इश्स पागल दिल में एक अंजानी सी बेचैनी जागी है !

28 किसी को मेरी याद आए एक अरसा हुआ, कोई है हैरान तो कोई तरसा हुआ. इस तरह खामोश हैं ये दिल ये आँखे मेरी, जैसे खामोश हो कोई बदल बरसा हुआ.

29 इंतज़ार तो हम भी काइया करते हैं आपसे मिलने की आस काइया करते हैं मेरी याद हिचक़ियो की मोहताज़ नही हम तो आपको सांसो से याद करते हैं

30 फूलो से सजे गुलशन की ख्वाइश थी हमें, मगर जीवनरूपी बाग़ में खिल गए कांटे. अपना कहने को कोई नहीं है यहाँ, दिल के दर्द को हम किसके साथ बांटे

31 इंतज़ार रहता है हर शाम तेरा यादें काटती हैं ले-ले के नाम तेरा मुद्दत से बैठे हैं तेरे इंतज़ार में कि आज आयेगा कोई पैगाम तेरा!

32 भले ही राह चलते का दामन थाम ले, मगर मेरे प्यार को भी तू पहचान ले, कितना इंतेज़ार किया है तेरे इश्क़ में, ज़रा यह दिल की बेताबी तू जान ले..

33 कौन कहता है इश्क़ मे बस इकरार होता है कौन कहता है इश्क़ मे बस इनकार होता है, तन्हाई को तुम बेबसी का नाम ना दो, क्यूंकी इश्क़ का दूसरा नाम ही इंतेज़ार होता है

34 इस नज़र को तेरा इंतेज़ार रहता है दिल तुमसे मिलने को बेक़रार होता है तुम हमसे मिलो ना मिलो फिर भी इस दिल मैं तेरी दोस्ती का प्यार रहता है

35 बदलना आता नही हमको मौसमो की तरह, हर एक रूप में तेरा इंतजार करते है, ना तुम समेत सकोगी जिसे क़यामत, कसम तुम्हारी तुम्हे इतना प्यार करते है.

36 आप का एतिबार कौन करे रोज़ का इंतिज़ार कौन करे...

37 मैं लौटने के इरादे से जा रहा हूँ मगर सफ़र सफ़र है मेरा इंतिज़ार मत करना...

38 मे इंतेज़ार मे हूँ की कब टूटेगी तेरी खामोशी तुम इंतेज़ार मे हो की नही देख मेरी खामोशी दर्द उठता है दिल मे सुरलहर की तरह मे किस तरह बयान करूँ रोटी हुई खामोशी

39 कत्मे अदम से उनका हमें इन्तिज़ार है ! लगता है हर दियार, उन्ही का दियार है !! हारे हैं बार-बार बुला कर तुम्हें, सनम ! अब आ भी जाइये, कि, जिगर बेक़रार है !!

40 कौन है यहाँ जो अब मुझपे एतबार करता है मेरा अक्स मुझे पहचानने से इनकार करता है खंजर लिए हाथों में खड़ा है दर्द मेरा वो मेरे क़त्ल के लिए मेरा इंतेज़ार करता है

41 एक शाम आती है तुम्हारी याद लेकर, एक शाम जाती है तुम्हारी याद देकर, पर मुझे तो उस शाम का इंतेज़ार है, जो आए तुम्हे साथ लेकर..!!

42 इश्क़ किया तुझसे, मेरे ऐतबार की हद थी, इश्क़ में दे दी जान, मेरे प्यार की हद थी, मरने के बाद भी खुली थी आँखें, यह मेरे इंतेज़ार की हद थी

43 किसी के दीदार को तरसता है किसी के इंतेज़ार मे तडपता है ये दिल भी अजीब चीज़ है जो होता है खुद का मगर किसी और के लिए धड़कता है .

44 अब हमसे इंतेज़ार नही होता इतना महेंगा तो किसी का प्यार नही होता हम जिसके लिए हुए रुसवा ज़माने मे वो अब बात करने को भी तैयार नही होता

45 कोई वादा नही फिर भी तेरा इंतेज़ार है जुदाई के बाद भी तुझसे प्यार है तेरे चेहरे की उदासी दे रही है गवाही मुझसे मिलने के लिए तू भी बेकरार है

46 इंतजार उसका जिसके आने की कोई आस हो, खुश्बू भी उस फूल की जो मेरे पास हो, मंज़िल ना मिल सकी हमे तो कोई बात नही, गम भी उसी शख्स का होता है जिसे प्यार का एहसास हो.

47 तुम आये तो लगा हर खुशी आ गई यू लगा जैसे ज़िन्दगी आ गई था जिस घड़ी का मुझे कब से इंतज़ार अचानक वो मेरे करीब आ गई

48 वो मायूसी के लम्हों में ज़रा भी हौसला देता,
तो हम कागज़ की कश्ती पे समंदर में उतर जाते।

49 खेल जिंदगी का एकतरफ़ा सा लगता था ,
तुम आए तो खेल, अब अच्छा सा लगता है ,
खेलना दिल से हुनर से मत खेलना ,
दाँव पर जिंदगी होती है, जब कोई अपना सा लगता है ||

50 रब उसे ऐसी तन्हाई न दे,
हम जी लेंगे तन्हा पर उसे तन्हाई न दे,
इन निगाहों में बसी रहे उसकी सूरत,
भले मेरी सूरत उसे दिखाई न दे.

51 नजर से क्यूँ जलाते हो आग चाहत की,
जलाकर क्यूँ बुझाते हो आग चाहत की,
सर्द रातों में भी तपन का एहसास रहे,
हवा देकर बढ़ाते हो आग चाहत की।


52 भंवर से निकलकर किनारा मिला है,
जीने को फिर से एक सहारा मिला है,
बहुत कशमकश में थी ये ज़िंदगी मेरी,
उस ज़िंदगी में अब साथ तुम्हारा मिला है।

53 जो तू साथ न छोड़े तो -उम्र मेरा ए मेहबूब
मौत के फ़रिश्ते को भी इनकार न कर दूं तो कहना
इतनी कशिश है मेरी मुहब्बत की तासीर में
दूर हो के भी तुझ पे असर न कर दूं तो कहना !

54 खुदा करे जिदगी मे हो मकाम आये,
तुझे भूलने कि दुआ करु पर...
दुआ मे तेरा नाम आये।

55 आपको जाते हुए देख के न संभलेगा दिल,
उसको बातों में लगा लूँ तो चले जाईयेगा।

56 हुए जिसपे मेहरबां तुम कोई खुशनसीब होगा,
मेरी हसरतें तो निकलीं मेरे आंसुओं में ढलकर।

57 तेरी दुआ से कज़ा तो बदल नहीं सकती,
मगर है इस से यह मुमकिन कि तू बदल जाये,
तेरी दुआ है कि हो तेरी आरज़ू पूरी,
मेरी दुआ है तेरी आरज़ू बदल जाये।

58 तुम्हारे प्यार की दास्तां हमने अपने दिल में लिखी है,
न थोड़ी न बहुत बे-हिसाब लिखी है,
किया करो कभी हमे भी अपनी दुआओं में शामिल,
हमने अपनी हर एक सांस तुम्हारे नाम लिखी है।

59 भूल न जाऊं माँगना उसे हर नमाज़ के बाद,
यही सोच कर हमने नाम उसका दुआ रक्खा है।

60 पलभर की भी तन्हाई तुम्हें नसीब ना हो,
कोई भी गम तुम्हारे करीब ना हो,
रब तुम्हारी ज़िन्दगी में इतनी खुशियाँ दे,
कि तुमसे बढ़कर कोई खुशनसीब ना हो..

61 लौट आती है हर बार मेरी दुआ खाली,
जाने कितनी ऊँचाई पर खुदा रहता है।

62 तेरे ख्याल में जब बे-ख्याल होता हूँ,
ज़रा सी देर को सही बे-मिसाल होता हूँ।

63 सब कुछ मिला सुकून की दौलत नहीं मिली,
एक तुझको भूल जाने की मौहलत नहीं मिली,
करने को बहुत काम थे अपने लिए मगर,
हमको तेरे ख्याल से कभी फुर्सत नहीं मिली।

64 आज भी प्यार करता हूँ तुझसे,
ये नहीं कि कोई मिली ही नहीं,
मिलीं तो बहुत तेरे बाद पर,
तू किसी चेहरे में दिखीं ही नहीं।

65 बख्शे हम भी न गए बख्शे तुम भी न जाओगे,
वक्त जानता है हर चेहरे को बेनकाब करना।

66 दिमाग पर जोर डालकर गिनते हो
गलतियाँ मेरी,
कभी दिल पर हाथ रख कर पूछना
कि कसूर किसका था।

67 काश... एक ख्वाहिश पूरी हो इबादत के बगैर,
वो आकर गले लगा ले, मेरी इजाजत के बगैर।

68 काश फिर मिलने की वजह मिल जाए,
साथ जितना भी बिताया वो पल मिल जाए,
चलो अपनी अपनी आँखें बंद कर लें,
क्या पता ख़्वाबों में गुज़रा हुआ कल मिल जाए।




2 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शनिवार 26 मार्च 2022 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !

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  2. बढ़िया शायरी इन्तजार पर 👌👌👌🙏🙏

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