Monday, 26 February 2018

Love Status Hindi 2 Line

1 उसके होंठों पे कभी बददुआ नहीं होती , बस इक माँ है जो मुझसे कभी खफा नहीं होती.

2 मौत आई तो क्या मैं मर जाऊँगा? मैं तो इक दरिया हूँ, जो समंदर में मिल जाऊँगा.

3 नाकामियों ने और भी सरकश बना दिया, इतने हुए जलील, की खुददार हो गए...

4 उसको रुखसत तो किया था, मुझे मालून न था. सारा घर ले गया, छोड़ के जाने वाला.....

5 सर पर चढ़कर बोल रहे हैं, पौधे जैसे लोग, पेड़ बने खामोश खड़े हैं, कैसे-कैसे लोग.....

6 जो चीज़ उन्होंने ख़त में लिखी थी, नहीं मिली. ख़त हमको मिल गया है, तस्सली नहीं मिली.....

7 अकेले बैठोगे, तो मसले जकड लेंगे., ज़रा सा वक़्त सही , दोस्तों के नाम करो.....

8 ज़िन्दगी के मायने तो याद तुमको रह जायेंगे , अपनी कामयाबी में कुछ कमी भी रहने दो....

9 मैंने उसका हाथ थमा था राह दिखने को, अब ज़माने को दर्द हुआ तो मैं क्या करूँ ?

10 किसी को मकां मिला,किसी के हिस्से में दुकां आई, मैं घर में सबसे छोटा था,मेरे हिस्से में माँ आई.....

11 मुझको थकने नहीं देता , ये ज़रुरत का पहाड़.मेरे बच्चे मुझे बूढा होने नहीं देते......

12 मैंने कल शब चाहतों की सब किताबें फाड़ दी, सिर्फ एक कागज़ पर लफ्जे माँ रहने दिया .....

13 गम बिछड़ने का नहीं करते खानाबदोश , वो तो वीराने बसाने का हुनर जानते हैं.......

14 प्यार अपनों का मिटा देता है ,इंसान का वजूद , जिंदा रहना है तो गैरों की नज़र में रहिये.......

15 प्यार,,,,प्यार भी कभी पूरा होता है?इसका तो पहला अक्षर ही अधूरा होता है.

16 ठहरी है तो इक चेहरे पे ठहरी रही है बरसों,भटकी है तो फिर आँख भटकती ही रही है.......

17 उलझा दिया दीमक ने ये कैसे शरारत की कागज तो नहीं चाटा ,तहरीर मिटा दी है

18 मार ही डाले जो बेमौत, ये दुनिया वाले हम जो जिन्दा हैं तो जीने का हुनर रखते हैं

19 मार ही डाले जो बेमौत, ये दुनिया वाले हम जो जिन्दा हैं तो जीने का हुनर रखते हैं

20 कही से सुना था उसने, की जीवन काँटों भरा होता है,तब से सदा वो दूसरों के जीवन में कांटे बोता है.....

21 दिल के फफोले जल उठे , सीने के दाग से, इस घर को आग लग गयी, घर के चिराग से.....

22 कौन कहता ही की छेद आसमां में हो नहीं सकता, इक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों.......

23 मेहरबान होकर बुला लो मुझे जिस वक़्त, मैं गया वक़्त नहीं की फिर आ भी ना सकूँ.....

24 रस्ते को भी दे दोष , आँखें भी कर लाल,
चप्पल में जो कील है , पहले उसे निकाल.....

25 कोई इसके साथ है , कोई उसके साथ है ,
देखना ये चाहिए , मैदान किसके हाथ है.....

26 काश बनाने वाले ने दिल कांच के बनाये होते,
तोड़ने वाले के हाथ में ज़ख्म तो आये होते.....

27 मंज़ूर नहीं किसी को ख़ाक में मिलना,
आंसू भी लरज़ता हुआ आँख से गिरता है.....

28 मंज़ूर नहीं किसी को ख़ाक में मिलना,
आंसू भी लरज़ता हुआ आँख से गिरता है.....

29 दुश्मनी का सफ़र एक कदम दो कदम, तुम भी थक जाओगे, हम भी थक जाएंगे.....

30 नन्हे बच्चों ने छू लिया चाँद को,
बूढ़े बाबा कहानी ही सुनाते रह गए.....

31 जाती है धूप उजले परों को समेट के,
ज़ख्मों को अब गिनूंगा मैं बिस्तर पे लेट के.....

32 कांच की गुडिया ताक में कब तक सजाये रखेंगे,
आज नहीं तो कल टूटेगा, जिसका नाम खिलौना है.....

33 दुश्मनों के साथ मेरे दोस्त भी आज़ाद है,
देखना है , फेंकता है मुझ पर पहला तीर कौन......

34 मैंने कहा कभी सपनो में भी शक्ल ना मुझको दिखाई, उसने कहा, मुझ बिन भला तुझको नींद ही कैसे आई?

35 मुझ में तुझ में फर्क नहीं,मुझ में तुझ में फर्क है ये ,
तू दुनिया पर हँसता है,दुनिया मुझ पर हंसती है.....

36 ना समझने की ये बातें हैं, ना समझाने की,
ज़िन्दगी उचटी हुयी नींद है दीवाने की......

37 दिल मुझे तितली का टूटा हुआ पर लगता है,
अब तेरा नाम भी लिखते हुए डर लगता है.....

38 ज़िन्दगी से जो भी मिले , सीने से लगा लो,
गम को सिक्के की तरह उछाला नहीं करते......

39 साहिल से सकूँ से किसे इनकार है लेकिन, तूफ़ान से लड़ने में मज़ा ही कुछ और है.....

40 मेरे गम ने होश उनके भी खो दिए, वो समझाते-सम्झाते खुद ही रो दिए.....

41 जनम मरण का साथ था जिनका, उन्हें भी हमसे बैर,
वापिस ले चल अब तो हमे, हो गयी जग की सैर....

42 अपने ही साए में था, मैं शायद छुपा हुआ, जब खुद ही हट गया, तो कही रास्ता मिला.....

43 ना समझने की ये बातें हैं, ना समझाने की,
ज़िन्दगी उचटती हुयी नींद है दीवाने की....

44 आज आगोश में था और कोई ,
देर तक हम तुझे न भुला सके .....

46 अचानक चौंक उठा हूँ , जिस दम पड़ी है आँख ,
आये तुम आज भूली हुयी याद की तरह......

47 जिंदगी में खूब कमाया , क्या हीरे क्या मोती ,
क्या करूँ मगर कफ़न में जेबें नहीं होती......

48 जवानी जाती रही और हमें पता भी ना चला ,
उसी को ढूंढ रहे हैं , कमर झुकाए हुए,,,,

49 वो अपने आप को बेहतर शुमार करता है , अजीब शख्स है , अपना ही शिकार करता है....

50 अँधेरा कब्र का इतने में ही खुश है , की जलता है कोई ऊपर दिया तो...

51 सफ़र में मुश्किलें आयें, तो जुर्रत और बढती है ,
कोई जब रास्ता रोके , तो हिम्मत और बढती है....

52 हादसों की ज़द में हैं तो मुस्कुराना छोड़ दें , जलजलों के खौफ से क्या घर बनाना छोड़ दें ??

53 वो झूद भी बोल रहा था बड़े सलीके से,
मैं एइत्बार ना करता तो क्या क्या करता

54 मैं भी उसे खोने का हुनर सीख न पाया
उसको भी मुझे छौड के जाना नहीं आता

55 सहारा लेना ही पड़ता है मुझको दरिया का मैं इक कतरा हूँ तनहा तो बह नहीं सकता

56 इस जहां में कब किसी का दर्द अपनाते हैं लोग , रुख हवा का देख कर अक्सर बदल जाते हैं लोग

57 उजाले में शमा जलाने से क्या फायदा, वक्त गुजरने के बाद पछताने से क्यां फायदा

58 दिल में अरमान बहुत हैं सजाऊँ कैसे,
तेरी याद बहुत आये ,भुलाऊँ कैसे

59 तेरा मिलना लाख खुशी की बात सही पर तुझसे मिलके ,उदास रहते हैं

60 खत पे खत हमने भेजे पर जवाब आता नहीं
कौन सी ऐसी खता हुयी मुझ को याद आता नहीं

61 उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो
न जाने किस गली में ज़िन्दगी की शाम हो जाये

62 हमने इक शाम चराग़ों से सजा रक्खी है
शर्त लोगों ने हवाओं से लगा रक्खी है

63 दोस्तों ने हर कदम पे रुसवा किया
तब से मुझे दुश्मनों की दुश्मनी अच्छी लगी

64 आईना टूट भी जाए तो कोई बात नहीं, लेकिन दिल न टूटे ये बिकते नहीं बाजारों में

65 'परिंदे भी नहीं रहते पराये आशियानों में,
हमने जिंदगी गुजारी है किराये के मकानों में।'

67 टूटी टूटी सी हर एक आस लगे ,
ज़िन्दगी अब मुझे राम का वनवास लगे .....

68 क्या पता था, दोस्त ऐसे भी दगा दे जाएगा ,
अपने दुश्मन को मेरे घर का पता दे जाएगा.....

69 मार ही डाले जो बेमौत ये दुनिया वाले
हम जो जिंदा हैं तो जीने का हुनर रखते हैं

70 अरमां तमाम उम्र के सीने में दफ़न हैं....
हम चलते फिरते लोग मजारों से कम नहीं.....

71 कुछ लोग आए थे मेरा दुख बाँटने,
मैं जब खुश हुआ तो खफा होकर चल दिये...!!!

72 जानता हु तुम सो गई हो, मुझे पढ़ते हुए ,,
मगर में रातभर जागूँगा, तुम्हे लिखते हुए ।

73 कुछ खास जादू नही है मेरे पास,
बस बातें दिल से करता हूँ..!!!!

74 दोस्ती और दुश्मनी मजेदार हे ,, बस निभाने का दम होना चाहीए ।

75 जब भी चाहा सिर्फ तुम्हे चाहा..
पर कभी तुम से कुछ नही चाहा..!!

76 अगर किस्मत आज़माते-आज़माते थक गये हों...
तो कभी ख़ुद को आज़माईये, नतीजे बेहतर होंगें...!!!...

77 उम्र कैद की तरह होते हे कुछ रिश्ते ,,
जहा जमानत देकर भी रिहाई मुमकिन नही ll

78 हज़ारो मैं मुझे सिर्फ़ एक वो शख्स चाहिये ,,
जो मेरी ग़ैर मौजूदगी मैं, मेरी बुराई ना सुन सके ll

79 आवारगी छोड़ दी तो लोग भूल जायेंगे ,, आवारापन ही सही, कुछ तो पेहचान हे !!

80 मजबूरियां ओढ़ के निकालता हूँ घर से ,, वर्ना शौक तो अब भी है बारिशों में भीगने का ll

81  रिश्ते कभी अपने आप नही टूटते अहंकार , अज्ञान और रवैये उन्हें तोड़ देते हे ।।

82 ज़रा शिद्दत से चाहो तभी होगी आरज़ू पूरी हम वो नहीं जो तुम्हे खैरात में मिल जायेंगे..ll

83 चेहरे अजनबी हो भी जायें तो कोई बात नहीं लेकिन ,
रवैये अजनबी हो जाये तो बड़ी तकलीफ देते हैं ।

84 मिले तो हज़ारों लोग थे ज़िन्दगी में पर,
वह सबसे अलग था जो किस्मत में नहीं था..!!

85 ~सँभाल कर रखिए, जरा अपने दिल को जनाब . . . .
~ये टूटते ही नहीँ, चोरी भी बहुत होते है . . . .

86 जाने क्या कशिश है उसकी मदहोंश आँखों में,
नजर अंदाज जितना करो नज़र उस पे ही पड़ती हैl

87 मिलने को तो दुनिया मे कई चेहरे मिले ,,
पर तुम सी ‪‎मोहब्बत‬ हम खुद से भी न कर पाये..!!

88 ज़िन्दगी तो अपने दम पर ही जी जाती हे ,,
दूसरो के कन्धों पर तो सिर्फ जनाजे उठाये जाते हैं ll

89 बेशक , Ishq‬ बड़ी कुत्ती-कमीनी चीज हे पर ,
सही इंसान से हो जाय तो, जिंदगी संवर जाती हे ।।

90 दिखावे की मोहब्बत तो जमाने को हैं हमसे पर...,,
ये दिल तो वहाँ बिकेगा जहाँ ज़ज्बातो की कदर होगी .

No comments:

Post a Comment